छत्तीसगढ़ राज्य में विगत कुछ वर्षो में नशा एक प्रमुख सामाजिक बुराई के रूप में उभरा है, नशे की लत के कारण अनेक घर-परिवार व प्रमुख रूप से महिलाये एवं युवा-वर्ग न सिर्फ प्रभावित हो रहे थे, बल्कि बुरी तरह से बर्बाद भी हो रहे है। श्री अग्रवाल जी ने इस सामाजिक बुराई की जड़ पर प्रहार करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य को, छत्तीसगढ़ समाज को व्यसन मुक्त बनाने हेतु एक अभिनव योजना "भारत माता वाहिनी योजना "का गठन अपने निर्देशन में किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ की माताओं को बहनों नशे के विरूद्ध सक्रिय कर इस सामाजिक बुराई को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ-ही साथ छत्तीसगढ़ राज्य में आंशिक मद्य निषेध नीति का प्रथम चरण सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है, जिसमें 2000 से कम आबादी वाले गांवो में शराब दुकानों को बन्द किया जा चुका है। साथ-ही आबकारी अधिनियम 19़15 के प्रावधानों में संशोधन करते हुए अवैध रूप से मदिरा का कारोबार कर लोगों का जीवन बर्बाद करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने का प्रावधान किया गया। साथ-ही-साथ सार्वजनिक स्थलों पर मदिरापान करके गांव और शहरों का माहौल खराब करने वाले शराबियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु एक नई धारा 36 च का प्रावधान किया गया है, जिसका परिणाम यह है कि, गांवों एवं शहरो में शराब पीकर होने वाली दुर्घटनाओं में अभूतपूर्व कभी आयी है व शहरों व गांवो का माहौल अधिक सुरक्षित हो गया है। महिला सशक्तिकरण व उसके माध्यम से सामाजिक परिवर्तन का श्री अग्रवाल का "भारत माता वाहिनी एक अभिनव प्रयास है।
ग्रामीण इलाकों में लगभग 270 शराब की दुकानों को बंद करने के बाद छत्तीसगढ़ की सरकार
ने अब राज्य में शराब मुक्ति के लिए एक नया अभियान शुरू किया है.
इस अभियान में मुख्य रूप से महिलाओं को शामिल किया गया है, जो लोगों पर शराब छोड़ने
के लिए दबाव बनाने का काम कर रही हैं.
भारत माता वाहिनी के नाम से गठित इस दल में शामिल महिलाएं शराबियों के घर के बाहर
भजन गाकर उनपर सामाजिक दबाव डालने का काम कर रही हैं ताकि वे शराब से तौबा कर लें.
छत्तीसगढ़ की सरकार ने इस शराब व्यसन मुक्ति अभियान की शुरुआत स्वतंत्रता दिवस से की
तो है, लेकिन इससे भी पहले उसने विशेषकर ग्रामीण इलाक़ों में लगभग 270 शराब की
दुकानों को बंद करने का निर्णय भी ले लिया है.
रायपुर के चंदखुरी गाँव में मेरी मुलाक़ात महिलाओं के ऐसे ही एक दस्ते से हुई, जो
भजन का सहारा लेकर शराबियों के घर के सामने डेरा डाले हुए थीं.
'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सम्मति दे भगवान' वह तब तक गाकर धरना देती रहीं, जब
तक शराबी ने शराब से तौबा करने का वादा नहीं कर लिया.
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